"सौ में नब्बे शोषित हैं,शोषितों ने ललकारा है,
धन,धरती और राजपाट,नब्बे भाग हमारा है"।
पटना ।बिहार के लेनिन, प्रखर समाजवादी, गैरबराबरी व शोषण और सामंतवाद के ख़िलाफ़ विद्रोह का बिगुल फूकने वाले नायक, बिहार की राजनीति में दलितों और पिछड़ों को मान-सम्मान दिलाने वाले क्रांतिवीर शहीद जगदेव प्रसाद के जन्म शताब्दी समारोह में रविवार को स्व अनुपलाल मेहता स्मृति सामुदायिक भवन में शामिल हुआ और उन्हें श्रद्धा-सुमन अर्पित किया।संयोगवश ,आज ही स्वतंत्रता सेनानी स्व अनूप लाल मेहता बाबू के स्मृति में निर्मित सामुदायिक भवन जो सांसद कोष से 02 करोड़ की राशि से निर्मित है, का लोकार्पण भी किया।एक साथ दो महान विभूतियों का स्मरण करने का अवसर मिला, खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ।सचमुच, जगदेव बाबू व्यक्ति नही एक विचारधारा थे ,जिन्होंने हमेशा अँधेरपरक व्यवस्था की मुख़ालफ़त की और उसी क्रम में शहीद भी हुए।उनके अधूरे सपनो को पूरा करना हम सबों की जिम्मेदारी है ,जो उनके विचारों को आत्मसात कर ही पूरा किया जा सकता है।