ललितपुर। कुशवाहा समाज ललितपुर की जूम एप पर वर्चुअल मीटिंग हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री संतोष कुशवाहा (हरदीला) ने करते हुए कहा कि इंसान स्वार्थ व खाने के लालच में कितना गिरता है उसका नमूना होती है सामाजिक कुरीतियां। ऐसी ही एक पीड़ा देने वाली कुरीति वर्षों पहले कुछ स्वार्थी लोगों ने भोले-भाले इंसानों में फैलाई थी, वह है मृत्युभोज।
कार्यक्रम का संचालन कर रहे प्रमोद कुशवाहा ने कहा मानव विकास के रास्ते में यह गंदगी कैसे पनप गई यह समझ से परे है। जानवर भी अपने किसी साथी के मरने पर मिलकर दुख प्रकट करते हैं, लेकिन इंसान के बेईमान दिमाग की करतूतें देखो कि यहां किसी व्यक्ति के मरने पर उसके साथी, सगे-संबंधी भोज करते हैं, मिठाइयां खाते हैं। यह एक सामाजिक बुराई है। इसको खत्म करने के लिए हम सभी को जागरूक होकर काम करना पड़ेगा।
रामरतन कुशवाहा (तालबेहट) ने कहा कि किसी घर में खुशी का मौका हो, तो समझ आता है कि मिठाई बनाकर, खिलाकर खुशी का इजहार करें, खुशी जाहिर करें, लेकिन किसी व्यक्ति के मरने पर मिठाइयां परोसी जाएं, खाई जाएं, इस शर्मनाक परम्परा को मानवता की किस श्रेणी में रखें। इंसान की गिरावट को मापने का पैमाना कहां खोजें, इस भोज के भी अलग-अलग तरीके हैं, कहीं पर यह एक ही दिन में किया जाता है, तो कहीं तीसरे दिन से शुरू होकर बारहवें-तेरहवें दिन तक चलता है। वर्चुअल बैठक में रवि कुशवाहा नाराहट, धीरज कुशवाहा, दवेन्द्र कुशवाहा ललितपुर, मनोज कुशवाहा, सोहनसिंह कुशवाहा, बाबूलाल कुशवाहा, रंजीत कुशवाहा, हीरा कुशवाहा, (खिरिया लटकन जु) करण कुशवाहा नाराहट, महेश कुशवाहा, राजू कुशवाहा (मडावरा) आदि उपस्थित थे। आभार कल्लन कुशवाहा ने व्यक्त किया।