आमेर के राजा मानसिहं जी ने बिहार में बसाई थी "स्वर्गपुरी" बेकुण्ठपुर





आमेर के राजा मानसिंह जी ने बिहार में सेकड़ों मन्दिरों का पुनर्निर्माण कराने के साथ नये देवालयों का नव निर्माण भी कराया कई शहरों की स्थापना की उनमें से एक है "स्वर्गपरी" जिसे आज "बेकण्ठपुर" के नाम से जाना जाता हैं जो पटना से 20 मिल पूर्व में गंगा घाट पर स्थित है। यहाँ पर एक भव्य शिव मन्दिर का निर्माण राजा मानसिंह जी ने 1600 ई . में कराया था। जिसके लिये 200 बीघा भुमि दी गई थी। इस मन्दिर में जो तेजमय शिवलिंग है जिसपर ऊपर से निचे तक सुन्दर रेखायें नजर आती हैं ओर उत्तर का भाग आगे आया हुआ है जिस पर सुन्दर आखों के दर्शन होते है वो माता गौरी है । अत: इस मन्दिर को आज
" गौरी शंकर महादेव " के नाम से लोग पूजते है। यहीं पर राजा मानसिंह जी की माता रानी भगवती जी की मृत्यु हुई थी। राजा मानसिहं जी अपनी माता की यादगार को चिरस्थायी बनाने के लिये यह मन्दिर बनवाया जो गंगाजी के घाट पर स्थित हैं । इस घाट को जनाना ओर मर्दाना घाट में बाटा गया है बिच में उनकी माता जी की भस्म स्थली बनी है।
भारतवर्ष में जितने भी मन्दिर आक्रांताओ ने तोड़े महाराजाधिराज मानसिहं जी ने उन्हे अपने काल में पुन: विधि विधान से स्थापित किया था। चाहे वो सोमनाथ मंदिर हो, वेध नाथ मन्दिर हो, या कोई भी ज्योतिर्लींग हो हजारों हजारों मन्दिरों को संरक्षण प्रदान किया था इसके साथ इन मन्दिरो का संचलन सुचारु रूप से हो इसके लिये पुजारियों को व्यवस्था के लिये जागिरें भी दी गई थी जिससे अर्थोपार्जन्हो सके । एसे धर्म रक्षक के रूप में राजा मानसिंह जी शादियों तक मानव मन से श्रधा के साथ याद किये जायेंगे।हम उन्हे सादर वंदन करते हैं।